तुमको सोंचा जीने के
फिर घर दिखे
जब उदासी घेर लेती
है मुझे
मुझे बुलाते तब
तुम्हारे कर दिखे
प्यार की बातें कभी
जब होती हैं
तब तुम्हारी यादें
दिल में होती हैं
जब कभी थोड़ा हताश हो
जाता हूँ
तुम्हें करके याद
फिर ताज़ा हो जाता हूँ
गद्य था मैं तुम
मिली तो पद्य आया
साथ जो तुम चल पड़ी
तो गीत गाया
तुमने जो अंकन किया
तो रोम पुलकित हो गये
प्रणय का संगीत
सुनकर,अधर फिर से गुनगुनाया
तुम जो आ जाती हो तो
फिर क्या कहूँ
दीप भी बुझता
नहीं,मेरी भला मैं क्या कहूँ
मैं क्या सोऊँ,नीद
भी सोती नहीं
रात भी तुमको निहारे,सोये
ना मैं क्या कहूँ
जिन्दगी से हारने के
जब मुझे लक्षण दिखे
जीतने के आख़िरी तब
शस्त्र केवल तुम दिखे
तुम जो आये साथ मेरे
हृदय पुष्पित हो गया
सारे लक्षण जिन्दगी
से जीतने के तब दिखे
पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978
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