यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017

वो कुछ भी बोलेगा सच मान लिया जाएगा











वो कुछ भी बोलेगा सच मान लिया जाएगा
''अमीर है''दुश्मनी कौन लेने जाएगा


 इस सलीके से झूठ बोलेगा
मैं कहूंगा सच ,मगर झूठ माना जाएगा 


तर्क ऐसा वो देगा महफिल में
हर शख्स मेरे खिलाफ जाएगा 


उसकी जेबों में अशर्फियाँ हैं भरी
उसकी बातों को सुना जाएगा 


सबको मालूम है इन्साफ किधर जाएगा
जेब खाली है इधर, उधर जाएगा


मुझको जन्नत की आरजू ही नहीं
मेरा वजूद इसी मिट्टी में मिल जाएगा 

poetpawan50@gmail.com

सम्पर्क-7718080978

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