जो अपने मन का
चाहता
है करना
जो
अपनी शर्तों पर
या
बिना शर्त के
चाहता
है अपनी पसंद !
जो कह
देता है,
जो
उसे कहना है !
बिना
हानि-लाभ के .
जोड़
– घटाव के बिना
जिसकी
जिह्वा फिसलती नहीं है
उसका
रास्ता बिल्ली से अधिक
लोग
काटते हैं
फिर
भी यदि वह
वह
हो जाता है जो,
चाहता
है वह होना
फिर
लोग चाटते हैं तलवा
बिना
किसी स्वाद के !
पवन
तिवारी
१६/०१/२०२२
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