जो भी तुमको देखे सनम उसका दिल तुम पर आये
इक-इक अदा है जानलेवा किस-किस अदा का नाम लें
नहा के जब आती हो सनम तो लगे के ज्यों सावन आये
आज-कल तो रात में तारे भी नहीं निकलते हैं
चाँद भी अब सोंच में है आये या कि ना आये
रात भी खुश है अब नई चाँदनी पाकर
जुगनूँ भी अब चाहें रानी नई आये
सारे नज़ारे बदले हैं ऐसा तुम्हारा ज़लवा है
क्या फर्क तुमको है अब हम आयें या ना आयें
जिसके चाहने वालों में जुगनूँ भी शामिल हैं
उसके हुस्न,जवानी पे कैसे सनम ना दिल आये
पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978
poetpawan50@gmail.com
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