बिनु हरि भजे न मैल मिटेगा
बिनु गुरु ज्ञान न
तमस मिटेगा
जो मन भाव रहे सोई
पाए
छल कीन्हे विश्वास
मिटेगा
हरि को हरि का सौंप
रहेगा
सुख आयेगा दुःख ही
मिटेगा
खुद को समर्पित करे
जो हरि में
उसका नाम न जग से
मिटेगा
बिनु कछु लोभ करे जो
कर्मा
मिल माटी पर यश न
मिलेगा
हरि शरणम् जो जाए ‘पवन’
वो प्रहलाद सा नहीं
मिटेगा
पवन तिवारी
सम्पर्क -7718080978
poetpawan50@gmail.com
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