जग को मुझ पर भरोसा नहीं
और मैं चाहता भी नहीं
मुझको खुद पर यकी हैं मगर
जग को खुद पर भरोसा नहीं
जग पे कैसे भरोसा करें हम सभी
अपने खूं पे ही खुद को भरोसा नहीं
छोड़ो सबका भरोसा तुम आगे बढ़ो
खुद पे विश्वास तो कुछ भी मुश्किल नहीं
और भी जिन्दगी में कई काम हैं
एक रुकने से जग सारा रुकता नहीं
तुम बढ़ो बस बढ़ो आगे बढ़ते रहो
फिर फलक और बुलंदी भी कुछ नहीं
poetpawan50@gmail.com
सम्पर्क -7718080978
और मैं चाहता भी नहीं
मुझको खुद पर यकी हैं मगर
जग को खुद पर भरोसा नहीं
जग पे कैसे भरोसा करें हम सभी
अपने खूं पे ही खुद को भरोसा नहीं
छोड़ो सबका भरोसा तुम आगे बढ़ो
खुद पे विश्वास तो कुछ भी मुश्किल नहीं
और भी जिन्दगी में कई काम हैं
एक रुकने से जग सारा रुकता नहीं
तुम बढ़ो बस बढ़ो आगे बढ़ते रहो
फिर फलक और बुलंदी भी कुछ नहीं
poetpawan50@gmail.com
सम्पर्क -7718080978
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें