कोई
मेरे जीवन से
प्रेम
छीनकर भी
पूरा
नहीं छीन सकता क्योंकि
जो
प्रेम मैनें अपनी कविताओं में
बो
दिया है , उन्हें कौन छीनेगा ?
मेरी
कवितायें दुनिया को प्रेम देंगी
मैंने
प्रेम को बो दिया है
पवन
तिवारी
१८/११/२०२१
यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी
कोई
मेरे जीवन से
प्रेम
छीनकर भी
पूरा
नहीं छीन सकता क्योंकि
जो
प्रेम मैनें अपनी कविताओं में
बो
दिया है , उन्हें कौन छीनेगा ?
मेरी
कवितायें दुनिया को प्रेम देंगी
मैंने
प्रेम को बो दिया है
पवन
तिवारी
१८/११/२०२१
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