यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

मंगलवार, 21 मई 2019

हमको आपत्ति नहीं




हमको आपत्ति नहीं सत्ता जो तुम्हारी हो
चाह बस इतनी है कि बात  भी हमारी हो

शिक्षा तो बस निजी विद्यालय में 
नौकरी  कुछ  भी  हो सरकारी हो

रियायत माफी व घोषणा की बारिश हो 
जनता  पर  टैक्स  जितना  भारी हो

फ़क़त  उत्पाद  बढ़ाने की धुन
जहर जनता में  या बिमारी हो

समता बस भाषणों तक ही न रहे 
सब  की  शिक्षा भी एक तारी हो

बजट  रक्षा  तलक  ना सीमित हो 
स्वास्थ्य और शोध पर भी जारी हो

बहस अभिव्यक्त सब जरूरी "पवन" 
मगर  नैतिकता  संग  खुद्दारी  हो 

पवन तिवारी
संवाद - ७७१८०८०९७८


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