यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 29 अक्तूबर 2018

प्रेम के सूर्य से















प्रेम  के सूर्य से उर को जगमग  करें
शब्द विश्वास से जीवन चकमक  करें
स्नेह  के  आचरण  की  आभा लिए
प्रेम  का  मार्ग पावन पग - पग करें

प्रेम के धैर्य को आओ  धारण करें
प्रेम के मूल को आओ  कारण करें
प्रेम  का  एक  उद्दात  शास्त्र रचे
सहज  को प्रेम से  असाधारण करें

आओ तुम, आऊं मैं, मिल के हम करें
सारे  संताप  जीवन  के   हल  करें
आये  जीवन  में  उल्लास के छंद यूँ
गीत  गाते  हुए  संग  सफ़र हम करें


पवन तिवारी
सम्वाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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