यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 30 सितंबर 2023

ये भरोसा आस्था कैसे बनेगा


ये   भरोसा   आस्था   कैसे  बनेगा

तुम शची सा पुण्यवत कोई बंध दोगे

प्रेम  कुछ   दुष्यंत  जैसे भी हुए हैं  

तुम भी क्या वैसा कोई प्रबंध दोगे

 

याकि नाते  के  किसी  नेपथ्य में तुम

जगत को दीखता सहज अनुबंध दोगे

साथ  में  मेरे  जो  ये  तुम कर रहे हो

इसका क्या कुछ नाम या संबंध दोगे

 

यह  प्रणय  का  पथ  रहेगा उत्तरोत्तर

या कि पथ में दुःख के रिसते रंध्र दोगे

आत्मा  का  प्रिय सदन ये ही बदन है

इतना सा क्या इस बदन की गंध दोगे

 

पवन तिवारी

०७/०७/२०२३  

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