यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 21 जनवरी 2017

मोहब्बत की बहुत बातें जमाने भर से की तूने

मोहब्बत की बहुत बातें जमाने भर से की तूने
मगर तूं ये बता खुद से मोहब्बत की कभी तूने


मशवरे तूं जमाने भर को भर-भर रोज देता है
कभी उन मशवरों को खुद अमल में लाया क्या तूनें


मोहब्बत,मशवरे,मज़ाक से भी इतर है दुनियां
भूख से छटपटाते बच्चे को देखा कभी तूनें


सुना है इश्क पर तूनें कई किताब लिखी है
वतन पर भी कहीं कोई बता मिसरा लिखा तूने 


मजम्मत की है अच्छे -अच्छों की तूने सुना मैंने
बता खुद से कभी खुद की मजम्मत की कभी तूनें


दिखाना दूसरों को आइना मुश्किल नहीं है
आइनें में कभी खुद को निहारा है बता तूनें


किसी को दर्द देना है नहीं मुश्किल जमाने में
बता तूं खुद के जख्मों पर नमक रखा कभी तूनें


बात कुर्बानी की कर लेना है आसान बड़ा
खुद के बेटे के गले पर कभी कटार रखी है तूनें 

poetpawan50@gmail.com
सम्पर्क- 7718080978

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