यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

बुधवार, 8 जून 2022

हर बार मीठी बात से

हर बार मीठी बात से ना बात बनेगी

कुछ करके दिखाओ तो औक़ात बनेगी

 

बनता नहीं है काफ़िला कई बार धौंस से

कुछ  अच्छा  करोगे  तो  बारात  बनेगी

 

मिल जाये बुरे वक़्त में थोड़ा भी बहुत है

दीपक जला के  देख  लो  ये  रात बनेगी

 

हर बार फ़कत धन से ही खुशियाँ नहीं मिलतीं

कुछ  दोस्तों  के  मिलने  से   सौगात  बनेगी

 

पवन तिवारी

१०/०८/२०२१   

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