प्यार
करने की कोई सजा दीजिये
आइये
आप दिल को दुखा दीजिये 
रूठना
 भी  कला  बेवज़ह  प्रेम में 
रुठते
 कैसे  हमको  दिखा
दीजिये 
प्रेम
में बिछड़ें  तो  भी  सुकूँ
 से  रहें 
इल्म
हमको भी ऐसा सिखा दीजिये 
प्यार
के बैरी बढ़ने लगे दिन-ब-दिन 
इसका
चस्का उन्हें भी लगा दीजिये 
कहत्ते
जो प्यार के भी सिवा काम है 
प्यार
 उनमें   जरुरी   बता  दीजिये
लोग
कहते  हैं  क्या आप भी चाहते 
सामने
सबके इक दिन जता दीजिये 
पवन
तिवारी
२०/०९/२०२१
 
 
 
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें