यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 5 मार्च 2022

प्रेम में मृत्यु की सम्भावना

प्रेम में मरने की संभावनाएं

हमेशा बनी रहती हैं

इसलिए जब भी

करो किसी से प्रेम

तो स्वयं को सौंपना मत

पूरा का पूरा

क्योंकि छले जाने पर

मर जाओगे

इसलिए थोड़ा सा

स्वयं को बचाए रखना

ताकि डूब की तरह

फिर से पनप सको

और हो सको फिर से हरे

फिर से बन सके

प्रेम की संभावना  

क्योंकि

मरना अंतिम सत्य है !

 

पवन तिवारी

०१/०२/२०२१

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