यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 5 मार्च 2022

पुण्य अपराध

बंगाल के अकाल में

युवतियां भी अनजाने

पुरुषों के साथ

हुई हम बिस्तर

वह कहीं भी बलात्कार में

दर्ज नहीं है

घर में कई दिन तक

चूल्हा नहीं जलने पर

माँ ने बेंच दी

अपनी इकलौती बेटी

नहीं बना कोई

बाल व्यापार का केस

क्या इससे बड़ी

निर्दयता देखी है

नहीं! तो भूख की

मौत या हत्या का

अपराध करने का पुण्य

कमाना चाहिए क्या  ?

पवन तिवारी

३१/०१/२०२१ 

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