रफ्तार - ए - इश्क लगातार
नहीं होते हैं 
ये
भी सच प्यार कि अख़बार नहीं होते हैं 
आँख
का साफ़ दिखा साफ़ झूठ हो सकता 
पगड़ी
 वाले  सभी  सरदार
नहीं  होते हैं
वफा
के इश्क में ख़तरे बहुत ही कम होते 
धोखे
मिलते जो  ख़बरदार  नहीं होते हैं
वो
मुझे छोड़ कर मेरे ही जैसा फिर ढूंढे 
एक
ही  आदमी  कई  बार नहीं
होते हैं
लुटा
के इज्जत भी  क़दमों में पड़े रहते हैं 
कुछ
वफादार  जो   ख़ुद्दार  नहीं होते हैं 
दास
तुलसी व कालीदास सबको याद अभी 
प्यार
 के  झटके भी  बेकार  नहीं  होते  हैं 
पवन
अपनों में तो थोड़ा झुकना पड़ता है
कौन
 से  रिश्ते  में
 तकरार  नहीं  होते
हैं  
पवन
तिवारी  
०६/०१/२०२१
 
 
 
 
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