यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 31 जनवरी 2022

बात अच्छी न अधूरी रखना

बात अच्छी न  अधूरी  रखना

देखो सच को न देर से कहना 

 

अब तो रिश्तों में भी ज़हर मिलता

रिश्ते  से  पहले  ही  ज़रा चखना

 

आज - कल कुछ भी नहीं स्थायी

अपने दुश्मन से भी मिलते रहना

 

दूसरों की ख़ुशी सजाओ मगर

ख़ुद की ख़ातिर भी कभी ख़ुद सजना

 

बजे अपनों के लिए कोई बुरी बात नहीं

मगर घुँघरू सा कभी मत बजना

 

मरो  तो  राष्ट्र  विश्व  गर्व करे

एक लड़की के लिए मत मरना  

 

पवन तिवारी

संवाद- ७७१८०८०९७८

११/१२/२०२०

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