यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 23 अक्तूबर 2021

तुम परेशान हो तो, सुनो

तुम परेशान हो तो, सुनो

तुम ये जो रोज

बाहर-बाहर घूमते हो

बाहर ये जो

खूब बातें करते हो, फिर भी

परेशान ही रहते हो तो सुनो

एक निःशुल्क

औषधि बताता हूँ

अब तुम बाहर के बदले

खुद के अंदर घूमने का

प्रयास करो और हाँ,

स्वयं के लिए निकालो समय

और खुद करो बातें भरपूर

तुम जरूर ठीक हो जाओगे

 

 

पवन तिवारी

संवाद- ७७१८०८०९७८

०४/१०/२०२०

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