यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

बिन पानी पानी पानी

आदमी का सानी रखना

पानी का पानी रखना

चाहे जैसी स्थिति हो

गड़ही को रानी रखना

 

ताल की जवानी रखना

नदी की रवानी रखना

नहर को भी प्यार देना

झील की कहानी रखना

 

कुएं की भी बात रखना

बारिश की साख रखना

पानी नहीं जीवन नहीं

 प्रति क्षण ये याद रखना

 

बिन पानी पानी पानी

होगी   ये    जिंदगानी

पानी को मित्र बना लो

पानी रख  लेगा पानी

 

पवन तिवारी

संवाद – ७७१८०८०९७८

२४/०९/२०२०  

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