यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 24 मई 2021

मैं चाहता हूँ ज़िन्दगी

मैं चाहता हूँ ज़िन्दगी

मेरे साथ बीते

मुझसे बतियाते हुए

मेरा और अपना

सब कुछ साझा करते हुए

किन्तु वह कट रही है

किसी और के साथ

और मैं अकेले बीत रहा हूँ

यह अकेले बीतना ही

ज़िन्दगी की त्रासदी है

और इससे बचते हुए

बीतना सुखद ज़िन्दगी  


पवन तिवारी 

संवाद - 7718080978

 

 

१/६/२०२०, अलाउद्दीनपुर

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