यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 9 जनवरी 2020

प्यार का इरादा है कि नहीं


प्यार का इरादा है कि नहीं
भूल गये वादा है कि नहीं

प्यार में भगवान बसता है
बात कितनी सदा है कि नहीं

नजर है तुम्हारी शरीर पर
प्यार में ज्यादा है कि नहीं



पवन तिवारी 
संवाद - ७७१८०८०९७८

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