यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 16 जून 2019

तेरा मेरा साथ पुराना जाने जाना जाने जाना


तेरा  मेरा  साथ  पुराना  जाने जाना जाने जाना
नया मिला तो हुआ बेगाना जाने जाना जाने जाना

प्रेम  समर्पण कुर्बानी है  कहता है जग सारा ये
मेरा ही  हिस्सा परवाना जाने जाना जाने जाना

प्यार में खता रही दोनों  की पर तू भोली सदा रही
बुरा ही मैं क्यों कहे ज़माना जाने जाना जाने जाना

लड़की है जाने दो कहकर सारा काम तमाम किया
लड़का  ही  होगा  दीवाना जाने जाना जाने जाना

लड़की मतलब  सावित्री है सूपर्णखा को भूल गये
लड़का दोषी एक ही गाना जाने जाना जाने जाना

सारी लड़कियाँ अच्छी ही हैं सारे लड़के होते बुरे
पवन सही ना ये पैमाना जाने जाना जाने जाना



पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – ७७१८०८०९७८   



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