यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 10 जनवरी 2019

प्यार हो ऐसे में नजदीकियाँ जरूरी हैं



प्यार हो ऐसे में नजदीकियाँ जरूरी हैं
और  होने   पे   जरा   दूरियाँ   जरूरी  हैं

हो      मुश्किल    तो    खुदा    हो   जायें
थोड़ी सी ही मगर मजबूरियाँ जरूरी हैं

यूँ    ही     कट   जाना   कोई    जीवन   है
जिंदगी में भी कुछ कहानियाँ जरूरी हैं

जिंदादिल  हों   थोड़ी   अपनी  भी करें
जिंदगी में थोड़ी बदमाशियाँ जरूरी हैं

जिंदगी    क्या    है    समझने   के  लिए
कह दूँ सच तो सुनो नाकामियाँ जरूरी हैं

बहुत     नैतिक     भी     मारे    जाते   हैं 
जरा सी ही सही बेईमानियाँ जरूरी हैं 

शाम    को     पंछी     भी    घर   आते  हैं 
इत्तू से ही सही पर आशियाँ जरूरी हैं  

बुलंदी    के     लिए   जुनूं   भी   चाहिए
पवन चिंता थोड़ी बेचैनियाँ जरूरी हैं


पवन तिवारी

संवाद ७७१८०८०९७८
अणुडाक – poetpawan50@gmail.com


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