यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

बुधवार, 24 अक्टूबर 2018

इष्ट आह्वान










कविता,  गीत ,  ग़ज़ल,  कहानी
तुम न सुनो तो सब पानी-पानी
आओ  नाथ  करूँ  आरम्भ मैं
तुम्हारी  कृपा  से हमरी रवानी

आओगे  तो    गीत  बहेगा
शब्द - शब्द   पुनीत  रहेगा
सब मंगलमय  सुखमय होगा  
कविता  का  भी मान रहेगा

आओ  शब्द का दो  आशीष
कवि ने  झुका दिया है शीश
कवि के यज्ञ को सफल बना दो
कविता  का  हो  ऊँचा शीश

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक - poetpawan50@gmail.com

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