यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 26 अगस्त 2018

पढ़ा–लिखा हो देश हमारा


























पढ़ा–लिखा परिवार हमारा
चमके चहुँ शिक्षा का तारा
शिक्षा है तो सब संभव है
शिक्षा जीवन का उजियारा

घर - घर में शिक्षा की बाती
शिक्षा सबकी  बन जाए थाती
अन्धकार  बिन  शिक्षा जीवन
बिन शिक्षा सद दृष्टि न आती

सुनना - गुनना  है जीवन को
तो पढना लिखना जन-जन को
जो  शिक्षा पूरे मन से गहेगा
वो समझेगा जन गण मन को

हम चाहें जो  भारत न्यारा
विश्व  गुरु हो , देश हमारा
तो सब मिलकर पढ़ो पढ़ाओ
पढ़ा - लिखा हो देश हमारा

पवन तिवारी
सम्वाद – ७७१८०८०९७८
अणुडाक - poetpawan50@gmail.com  

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