यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 2 अक्टूबर 2016

दोस्ती में दोस्तों के लिए.












दोस्ती में दोस्तों के लिए.
दोस्ती में सच ही कहना चाहिए.

हो अगर लड़ाई – झगड़ा हो तो हो.
मसख़री,आनन्द,मस्ती ये भी होनी चाहिए. .

दोस्त की छोटी से छोटी भी खुसी में.
दोस्तों को जश्न करना चाहिए .


खुशियों की महफ़िल में शामिल हों न हों .
पर गमें महफ़िल में जाना चाहिए.  

मुफलसी के दौर में जब दोस्त हो.
फ़र्ज़ दोस्ती का निभाना चाहिए.

poetpawan50@gmail.com 
7718080978

    

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