रविवार, 2 अक्तूबर 2016

दोस्ती में दोस्तों के लिए.












दोस्ती में दोस्तों के लिए.
दोस्ती में सच ही कहना चाहिए.

हो अगर लड़ाई – झगड़ा हो तो हो.
मसख़री,आनन्द,मस्ती ये भी होनी चाहिए. .

दोस्त की छोटी से छोटी भी खुसी में.
दोस्तों को जश्न करना चाहिए .


खुशियों की महफ़िल में शामिल हों न हों .
पर गमें महफ़िल में जाना चाहिए.  

मुफलसी के दौर में जब दोस्त हो.
फ़र्ज़ दोस्ती का निभाना चाहिए.

poetpawan50@gmail.com 
7718080978

    

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