यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 3 सितंबर 2016

भारत का हूँ, भारत को मैं सलाम करूँगा .

देश को समर्पित मेरे ताज़ा दो मुक्तक .....




मैं कवि हूँ लिखूँगा तो स्वाभिमान लिखूंगा .
गौतम,निराला, बिस्मिल और राम लिखूँगा.
ब्राम्हण,दलित न हिन्दू मुसलमान लिखूँगा.
परिचय जो पूछेगा तो हिन्दुस्तान लिखूँगा.
         

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भारत का हूँ, भारत को मैं सलाम करूँगा .
बचपन,जवानी,जिंदगानी नाम करूँगा .
ख़तरे का कोई वक्त जो आएगा वतन पर .

अपने लहू का कतरा- कतरा नाम करूँगा .

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