यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 25 अगस्त 2016

अभिव्यक्ति की कला ....जरूरी


अभिव्यक्ति भी एक महान व महत्वपूर्ण कला है. आखिर अभिव्यक्ति है क्या ?आज - कल  ''अभिव्यक्ति''शब्द खूब चर्चा में है. "अभिव्यक्ति की आजादी" वाक्य अधिसंख्य लोगों ने सुनी होगी . अभिव्यक्ति अर्थात विचार व्यक्त करना या बोलना. बोलना भी एक महत्वपूर्ण कला है.सही समय पर सही बात कहने पर बात बन जाती है.पर वही बात गलत समय पर बोलने पर बात बिगड़ जाती है.अटल बिहारी वाजपेयी ,अमीन सयानी, हरीश भिमानी,अमिताभ बच्चन, नरेंद्र मोदी,कपिल शर्मा आदि अच्छी अभिव्यक्ति के सफल उदाहरण है. इनकी सफलता में इनकी अभिव्यक्तिक कला का महत्वपूर्ण योगदान है. अन्यथा तमाम बुद्धिमत्ता के बावजूद ये आज सफलता केशिखर पर नहीं होते . यदि आप अभिव्यक्ति की कला में माहिर हैं तो आप के लिए जीवन की राहें आसान हो जायेंगी. पहला प्रभाव व्यक्ति का चेहरा होता है , जिसका प्रभाव क्षणिक होता है. किन्तु दूसरा प्रभाव व्यक्ति की अभिव्यक्ति होती है. जो देर तक प्रभाव रखती है और तीसरा प्रभाव आप का बेहतरीन कर्म या आचरण उस प्रभाव को स्थाई भी बना सकता है. जीवन में जिसके पास ये कला नहीं है उसका विकास कुछ ही क्षेत्रों तक सिमट कर रह जाता है.
यदि आप नेता, अभिनेता, रेडियो उद्घोषक, मंच संचालक, प्रवक्ता, वक्ता, अधिवक्ता जनसंपर्क अधिकारी, कार्यक्रम प्रस्तोता, आदि बनना चाहते हैं. या इन या इन जैसे क्षेत्रों में अपना विकास देखते या देखना चाहते हैं तो अच्छी अभिव्यक्ति का होना पहली आवश्यक योग्यता है. साथ ही विभिन्न सामान्य विषयों पर आप का ज्ञान भी अच्छा  व तर्कपूर्ण होना चाहिए, अन्यथा आप की सफलता संदिग्ध हो जाती है. वैसे अच्छी अभिव्यक्ति हर जगह आप की सहायता करती है. जहाँ भी आप बोलते हैं.आप की बात ध्यान से सुनी जाती है. जिस हेतु आप सामने वाले व्यक्ति से बात कर रहे होते हैं.उस हेतु के सफल होने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं. कई बार लोगों के काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं क्योंकि वे अपनी बात सामने वाले के समक्ष उचित तरीके से नहीं रख पाते .

एक अच्छी अभिव्यक्ति क्या है या अभिव्यक्ति किसे कहते हैं ?आइये इसकी परिभाषा जाने मेरी समझ के अनुसार....  देश,काल,परिस्थिति को देखते व समझते हुए अपनी बात को कम,अर्थपूर्ण एवं मृदु शब्दों में रखना ही अभिव्यक्ति कहलाती है.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें