यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

मंगलवार, 12 जुलाई 2022

कुछ लोग मरेंगे और

कुछ लोग मरेंगे और

बिलकुल मर जायेंगे

कुछ     मरेंगे   और

सदा     के     लिए

ज़िंदा   हो   जायेंगे

अगर नहीं सोचा तो !

सोचना,  जीवन  में

सबसे     महत्त्वपूर्ण

यही       है       कि

हम              मरेंगे

तो      क्या  होगा ?

मर   ही  जायेंगे या

फिर   भी     रहेंगे

 

पवन तिवारी

१६/१२/२०२१

 

 

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