यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 30 मई 2022

मैंने तुमसे यार किया है

मैंने  तुमसे  यार   किया  है

बोलो ना कि प्यार किया है

लड़के पहले करते हैं पर

पर मैंने इज़हार किया है

 

इस साहस का मोल चुकाओ

आओ  आओ  प्यार  जताओ

तुमने भी  तो  स्वीकारा है

खुल करके ना सबको बताओ

 

इस पर भी जरा लब को खोलो

जब तुम पर दिल भड़का बोलो

तुमने पहले जब ना की थी

दिल बोल था इनके हो लो

 

कर ही लिया फिर क्या डरना है

अब जीवन बहता झरना है

हमको इक दूजे पर मरना

सबको तो मरना इक दिन है

 

पवन तिवारी

११/०७/२०२१    

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