यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 24 अप्रैल 2022

आज सच कहना

आज सच  कहना  बड़ी  आलोचना है

हर तरफ चर्चा है  इस पर सोचना है

सत्य  के  रक्षार्थ  आओ  साथ में सब

बन न जाये  ये  प्रथा  इसे मोचना है

           

सत्य को अनुबंध  से भी विमोचना है

जो  भी  आये  पूर्णता  में  लोचना है

अब नहीं अवधारणाओं को दो प्रश्रय

भ्रम के सारे  आवरण  को  नोचना है

 

हो  जहाँ  अन्याय  खुलकर  टोकना है

बात  उससे   ना  बने  तो  रोकना  है

हो अगर स्थिति  विषम तो एकता से

सबको मिलकर सारी शक्ति झोकना है

 

आपसी  सब  भ्रांतियों  को  गोजना  है

जिनमें प्रतिभा हैं जो वंचित खोजना है

अब नहीं विश्वास करते यूँ ही सब जन

तर्क  दृढ़ता   से  कहो   ये   योजना  है

 

पवन तिवारी

११/०४/२०२१

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