यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 7 मार्च 2022

व्यक्तित्व

 कई बार आपके नाम से

जुटती है भीड़

कई बार आप के नाम से

नहीं जुटती भीड़

हर किसी के होते हैं

कम या अधिक

अपरिचित शुभचिंतक

या आलोचक

जिनके बारे में

आप कुछ नहीं जानते

परंतु यह आपके जीवन की

सभी सामान्य

कई बार निजी बातें

भी जानते हैं

प्रसिद्ध व्यक्तियों के साथ

प्रायः होता है

यह आप नहीं रचते

इसे रचता है

आपका विचार और

पूर्णता में कहूँ तो

आपका व्यक्तित्व

 

०६/०२/२०२१

पवन तिवारी

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