यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

भारत समर्थक


हाँ, मैं हर हाल में भारत का समर्थक हूँ.
और रहूँगा आख़िरी साँस तक,
मैं हर हाल में सरकार का समर्थक नहीं हूँ
तुम यदि हर हाल में सरकार के समर्थक हो
तो तुम भारत के अपने हो मुझे संशय है
इस बात पर तुम मेरी घोर निंदा कर सकते हो
मुझे कह सकते हो अपशब्द तक
फिर भी तुम्हारी असमतियों का सम्मान रखते हुए
अपनी बात पर अटल रहते हुए
बोलता रहूँगा-
तुम भारते के अपने हो मुझे संशय है ...


पवन तिवारी
संवाद- ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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