यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 9 फ़रवरी 2020

दिल जो टूटा मेरा..........

दिल जो टूटा मेरा तो बिखरने लगा
जो मिले आप कुछ को अखरने लगे
हम निखरने लगे थोड़ा - थोड़ा सही
प्रेम का जल मिला तो सँवरने लगा

प्रेम में दुःख  मिले प्रेम में सुख मिले
चाहता  हर  कोई  प्रेम तो कुछ मिले
उनका जीवन  अधूरा ही  रह जाता है
प्रेम यदि ना मिले शेष सब कुछ मिले

कुछ मिले ना  मिले  प्रेम थोड़ा मिले
चाहने वालों  का  हँसता  जोड़ा मिले
प्रेम जीवन को आसान  कर  देता है
प्रेम करना  भले कितना  रोड़ा मिले

ये जो मैंने  लिखी  जिंदगानी  लिखी
अपने अनुभव की सच्ची रवानी लिखी
आप भी प्रेम के स्वाद को चख सको
कविता में इसलिये निज कहानी लिखी



पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८

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