यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

बुधवार, 28 अगस्त 2019

तुम आयी तो वर्षा आयी


तुम  आयी तो  वर्षा  आयी
अपने संग सावन भी  लायी
हरा - भरा  परिवेश हो गया
जीवन में  हरियाली   छायी

प्रेम मिला तो जीवन खिल गया
तुम जो मिली तो सब कुछ मिल गया
अभिलाषा  का   भरा  सरोवर
जब से दिल से दिल ये मिल गया

तुम आयी तो  गगन छू लिया
सपनों का  हर  रंग जी लिया
जो दुःख थे छू मन्तर हो गये
जब से प्रेम का अमृत पी लिया



पवन तिवारी
सम्वाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – पवनतिवारी@डाटामेल.भारत

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