यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 16 मार्च 2019

समय गिनता हूँ


आज कल समय गिनता हूँ
क्योंकि
समय ने मुझे गिनना छोड़ दिया है
मैं अब उसकी महत्वपूर्ण सूची में नहीं हूँ
किन्तु समय मेरी महत्व की सूची में है
मैं प्रतिक्षण समय को गिन रहा हूँ
ताकि उसे दो गुने समय से हरा सकूँ
 और वो लज्जित होकर  अपनी
सबसे महत्वपूर्ण सूची लिख सके
सम्मान के साथ, साफ़-साफ़ शब्दों में
और मैं सदा के लिए काल के मस्तक
हो सकूँ अंकित



पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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