यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 28 जनवरी 2019

देने को दे ही देता है


देने  को  दे  ही  देता है वादे हजार वो
हो वादा जब निभाना तो कहते बहार वो

वादों पे ही ये जिंदगी कटती चली गयी
कहते रहे निभाऊंगा  मैं बार - बार वो

रिश्तो में खास बात जो मालूम सभी को है
मौके  पर  ना  आए कभी बने वफादार वो

अब  दोस्तों  की  झूठी पैरवी करूँ क्या मैं
संकट में जब भी खोजता मिलते बाजार वो

जितने अमीर दोस्त थे बहाने में खप गए
बस  गरीब  संग  रहा  सच्चा  यार  वो

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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