सोमवार, 28 जनवरी 2019

देने को दे ही देता है


देने  को  दे  ही  देता है वादे हजार वो
हो वादा जब निभाना तो कहते बहार वो

वादों पे ही ये जिंदगी कटती चली गयी
कहते रहे निभाऊंगा  मैं बार - बार वो

रिश्तो में खास बात जो मालूम सभी को है
मौके  पर  ना  आए कभी बने वफादार वो

अब  दोस्तों  की  झूठी पैरवी करूँ क्या मैं
संकट में जब भी खोजता मिलते बाजार वो

जितने अमीर दोस्त थे बहाने में खप गए
बस  गरीब  संग  रहा  सच्चा  यार  वो

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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