यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 15 नवंबर 2018

लोग दिलों में धड़के हैं










लोग दिलों में धड़के हैं
हमें आंखों में खटके हैं
हाँ हुजूर वालों के लिए तो
400 वोल्ट के झटके हैं

सच का नहीं जमाना है
हमने भी यह माना  है
पर सच तो केवल सच ही है
हमने सत्य को जाना है

सत्य  ही मात्र  सनातन है
सत्य बिना व्याकुल मन है
झूठ के रिश्ते कितने दिन तक
सत्य है  तो  अपनापन है

सत्य की राह में बाधा है
पर  वह  सीधा साधा है
झूठ के  पांव बहुत से हैं
पर  सब  टूटा आधा है


पवन तिवारी
संवाद- ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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