यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 30 सितंबर 2018

प्रणय के बहु गीत गाये








































प्रणय  के बहु गीत गाये
हास्य  खूब विनोद गाये
लोक  रंजक लोक के भी
खूब  सारे  गीत   गाये


देश  की  खातिर लुटे जो
देश की  खातिर मिटे जो
उनकी भी कभी याद आयी
देश की  खातिर  पिटे जो


हमें  राष्ट्र  धर्म निभाना है
जय जय हो उसकी गाना है
भगत सिंह,सुभाष, शेखर के
सपनों का  राष्ट्र बनाना है


बलिदान  की  बातें करो
अभिमान  की बातें करो
जोश  भर  दो  राष्ट्र में
सम्मान  की  बातें करो


राष्ट्र  गीत भी  गाओ कुछ
शहीदों पे गीत सुनाओ कुछ
संकल्प  लो   प्रेरणा  भरो
इस राष्ट्र की खातिर भी कुछ


राष्ट्र हित सबसे  है ऊँचा
शेष  सारा  हित  है दूजा
राष्ट्र पर सब हो समर्पित
चतुर्दिक  जय हिन्द गूँजा


पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक - poetpawan50@gmail.com

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