यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 27 सितंबर 2018

जागो बिटिया रानी जागो


जागो    बिटिया    रानी     जागो
सुबह  हुई  निंदिया  तुम भागो
खिड़की    पर    गौरैया     आयी
सूरज     ने      किरणें     फैलायी


हवा  चल  रही  शीतल  सुन्दर
चहल - पहल हुई , दृश्य मनोहर
मुँह धो  लो और दातुन कर लो
स्वच्छता  को मन  में  धर लो


सभी काम को समय पर कर लो
फिर चलकर तुम भोजन कर लो
विद्यालय     तुमको     जाना   है  
पढ़कर    नाम        कमाना      है


सुबह  देर  तक  जो  सोता है
वो  जीवन   में  बस  खोता है
उठो   समय    नहीं  खोना  है
सबसे       अच्छा     होना    है


पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com  


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