यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 16 अप्रैल 2018

यूँ जो तुझपे वो शक किया होगा


यूँ जो तुझपे  वो शक किया होगा
दूध  क्या  छाछ  से  जला होगा

प्यार   विश्वास  होते - होता  है
शुरू  में  तो  ज़रा – ज़रा   होगा

उसके  चेहरे  को जो  पढ़ पाते हो
दिल  से  पूरा  खरा - खरा  होगा

मांग  मत दिल से बस समर्पण कर
देख  फिर  बिन  कहे  तेरा  होगा  

हूँ  तेरा  बैरी  शक  तो  होगा  ही
छुप  के यूँ  वार  ना  मेरा   होगा

होती  हर  रात  की सुबह  है पवन
रख  तूँ  बस   सब्र   सवेरा  होगा

पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978
poetpawan50@gmail.com  

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