यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शुक्रवार, 20 अक्टूबर 2017

दीप जले हो नाश तिमिर का


























दीप जले हो नाश तिमिर का 
अंतर्मन में हो उजियारा

कष्ट हरो लक्ष्मी नारायण
ज्योंतिर्मय हो जीवन सारा

ज्ञान की ज्योंति जले भारत में
उससे दमके ये जग सारा

ये दीपावली पावन पर्व है
सब हों पावन ध्येय हमारा

सबका मंगल सत्य की जय हो
दीपावली का एक ही नारा

पवन तिवारी
सम्पर्क -  7718080978
poetpawan50@gmail.com


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें