यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

मंगलवार, 22 अगस्त 2017

मैं जानता हूँ झूठ की चादर वो ताने है

मैं जानता हूँ झूठ की चादर वो ताने है
सच झूठ को छेड़े ये इरादा मगर नहीं

यूँ जान बूझकर जिसने पिया जहर है
उसको बचाने की फिर कोई डगर नहीं

तुम लाख करो कोशिश वो डूब जाएगा
खुद डूब से बचने इरादा अगर नहीं

ताक़त बहुत भी होके हार जाते हैं लोग
चूहे से भी डर जायेंगे जिनमें जिगर नहीं

पवन तिवारी
सम्पर्क – 7718080978

poetpawan50@gmail.com

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