यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 16 जुलाई 2017

हर कोई चाहता है प्रशंसा यहाँ


















हर कोई चाहता है प्रशंसा यहाँ
सुनना चाहे न कोई भी आलोचना
जो करे न प्रशंसा या आलोचना
उसकी भी कोई कीमत नहीं है यहाँ

हर जगह टोलियाँ,हर जगह गुट ही गुट
स्वार्थ चाहो तो टोली या गुट में रहो
वरना यूं ही बहिष्कृत अछूते रहो
प्रतिभा की पोटली सर पे ढोते रहो

यूँ अकेले भी चलना है आसाँ नहीं
खुद से खुद बातें करना भी आसां नहीं
जीने का गर अकेले हुनर आ गया
फिर तो उसके लिए कुछ असम्भव नहीं


पवन तिवारी

सम्पर्क- 7718080978
poetpawan50@gmail.com

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