यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

मंगलवार, 30 अगस्त 2016

चवन्नी का मेला: ध्रुव की कुछ अचर्चित और रोचक अनसुनी कहानियाँ....

पढ़ें भक्त ध्रुव की अनकहीं अनसुनी कहानियाँ ......
ध्रुव पूर्व जन्म में एक ब्राह्मण पुत्र थे.उनका मित्र राजा का पुत्र था. इस लिए उनके मन में भी राजपुत्र होने की इच्छा हुई और अगले जन्म में ध्रुव राजा उत्तानपाद के पुत्र हुए.चवन्नी का मेला: ध्रुव की कुछ अचर्चित और रोचक अनसुनी कहानियाँ....: मित्रों,पाठकों भक्त ध्रुव की कथा तो सबने सुनी है.... कि सौतेली माँ द्वारा अपमानित होकर उन्होंने भगवान् विष्णु की घोर तपस्या की और बदले...

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