यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 1 अप्रैल 2023

आओ बच्चों तुम्हें सिखाऊँ



आओ  बच्चों  तुम्हें सिखाऊँ

खुशियों  के कुछ राज़ बताऊँ

किसको  मेरी   बातें  सुननी

जल्दी  बोलो,  चलो   सुनाऊँ

 

सबसे  पहले   करो   पढ़ाई

पाटेगी  हर  दुःख  की खाई

इससे  उल्लू   नहीं   बनोगे

यह  अच्छे  - अच्छों की माई

 

आगे  जीवन  बड़ा  जटिल है

पग-पग पर मिलती मुश्किल है

आगे   स्वार्थ   की  आरी है

जलवायु  की  जो  कातिल है

 

ख़ुशियों के यदि संग  रहना है

सुनो  प्रदूषण  कम  करना है

चाह  रहे  यदि   उत्तम  वर्षा

वन तरु का भी ध्यान रखना है

 

जीवन  का  यदि  चाहो भोग

करना  होगा  प्रतिदिन  योग

सूर्योदय   से   पहले  उठना

स्वास्थ्य का सबसे उत्तम जोग

 

घर का ताज़ा भोजन खाओ

समुचित तन में ऊर्जा पाओ

बहु  रोगों  का  एक शत्रु है

प्रातः काल   दौड़   लगाओ   

 

पवन तिवारी

सम्वाद - ७७१८०८०९७८

०१/०४/२०२३

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