यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

बुधवार, 23 नवंबर 2022

छल है घृणित अस्त्र जीवन में



छल है घृणित अस्त्र जीवन में

अपनों  से  बहुधा  मिलता है

उनसे जो क्षति  हिय की होती

उसको अन्य  कोई  सिलता है

 

अल्प अवधि के लिए मिले दुःख

तो दुःख से   जीवन   खिलता है

दाग  अगर  मन पर  अंकित हो

ऐसे     में     धीमे     धुलता     है

 

चित्र   हैं    बहुरंगी   जीवन  के

रंग   किन्तु   कोई   फलता  है

पर   कुछ   रंग   उभरते   ऐसे

जिनसे   जीवन  भी  जलता है

 

जलता  बुझाता  जैसे  दीपक

ऐसे  कुछ  जीवन   पलता  है

नहीं समझ पाता जो ये  सब

जीवन में  वो  हाथ मलता है

 

जीवन तो  सबसे  अनुपम है

इसीलिये ये मृत्यु को खलता

इसको   पाने   के  प्रयास में

यम जीवन भर  पीछे चलता

 

पवन तिवारी

२३/११/२०२२           

  

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