यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

बुधवार, 19 अक्टूबर 2022

पानी पानी पानी



पानी    पानी    पानी

बरखा जल की रानी

आओ तुम्हें  सुनाऊँ

इसकी एक  कहानी

 

पानी बड़ा ही दानी

कहती   मेरी नानी

धरा की इसके कारण

रहती  चूनर धानी

 

प्यास बुझाता पानी

फसल उगाता पानी

पानी  बिना  अधूरी

सबकी ही जिंदगानी

 

पोखर ताल तलैया

सागर सरयू  मैया

सबका एक है मालिक

अपना  पानी भैया

 

पवन तिवारी

१७/०९/२०२२   

 


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